IGNOU BHDC-103 (January 2024 - July 2024) Assignment Questions
भाग-1
1. निम्नलिखित पद्याशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिए:
(क) हरि जननी मैं बालक तेरा।
काहे न अवगुन बकसहु मेरा ।।
सुत अपराध करत है केते । जननी के चित रहें न तेते ।।
कर गहि केस करै जौ घाता। तऊ न हेत उतारै माता ।।
कहै कबीर इक बुद्धि बिचारी। बालक दुखी दुखी महतारी ।।
(ख) अखियाँ हरि दरसन की प्यासी ।
देख्यौ चाहति कमलनैन कौं, निसि दिन रहति उदासी।।
आए ऊधौ फिरि गए आँगन, डारि गए गर फाँसी ।
केसरि तिलक मोतिनि की माला, वृंदावन के वासी ।।
काहू के मन की कोउ जानत लोगनि के मन हाँसी ।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कौं, करवत लैहौं कासी ।।
(ग) धूत कही, अवधूत कहौ, रजपूतु कहौ, जोलहा कहाँ कोऊ ।
काहूकी बेटीसों, बेटा न ब्याहब काहूकी जाति बिगार न सोऊ ।।
तुलसी सरनाम गुलाम है रामको, जाको, रुचै सो कहै कछु ओऊ।
माँगि के खैबो, मसीतको सोइबो, लैबोको एकु न दैबैको दोऊ ।।
(घ) मैंने नाम रतन धन पायौ ।
बसत अमोलक दी मेरे सतगुरु करि किरपा अपणायो ।।
जनम जनम की पूँजी पाई जग मैं सबै खोवायो ।
खरचै नहिं कोई चोर न ले वे दिन-दिन बढ़त सवायो।।
सत की नॉव खेवटिया सतगुरु भवसागर तरि आयो ।
मीरां के प्रभु गिरधर नागर हरखि हरखि जस गायो । ।
भाग-2
2. अमीर खुसरो की भाषागत विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए
3. कबीर के राम के स्वरूपों को स्पष्ट कीजिए ।
4. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए:
(क) जायसी की भक्ति
(ख) सूरदास की कविता में वात्सल्य
भाग-3
5. सतसई परंपरा और 'बिहारी सतसई' पर प्रकाश डालिए ।
6. मीराबाई अपने समय के पुरुष संत कवियों से किस प्रकार भिन्न हैं, स्पष्ट कीजिए ।
7. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए:
(क) रहीम के काव्य में लोक जीवन
(ख) घनानंद की कविता में प्रेम और सौंदर्य
IGNOU BHDC-103 (January 2023 - July 2023) Assignment Questions
भाग-1
1. निम्नलिखित पद्याशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिए:
(क) गोरी सोवे सेज पर मुख पर डारे केस,
चल खुसरो घर आपने रैन भई चहुँ देश ।।
खुसरो रैन सोहाग की, जागी पी के संग।
तन मेरा मन पीऊ को दोऊ भए एक रंग ।।
(ख) हम न मरेँ मरिहै संसारा ।
हंमकौं मिला जिआवनहारो
साकत मरहिं संत जन जीवहिं । भरि भरि राम रसांइन पीवहिं । ।
हरि मरिहै तौ हमहूँ मरिहैं। हरि न मरे हम काहे कौ मरिहैं ।।
कहै कबीर मन मनहिं मिलावा अमर भए सुखसागर पावा ।।
(ग) काहे को रोकत मारग सूघौ ।
सुनहु मधुप निरगुन कंटक तैं, राजपंथ क्यों रूधौ।
के तुम सिखि पठए हौ कुबिजा, कयौ स्याम घनहूँ धौ ।
बेद पुरान सुमृति सब ढूँढो, जुवतिनि जोग कहूँ धौं।
ताकी कहा परेखा कीजै, जानै छाँछ न दूधौ ।
सूर मूर अक्रूर गयौ लै ब्याज निवेरत ऊधौ ।
(घ) रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।
रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय ।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय ।
रहिमन वे नर मर चुके, जे कहुँ माँगन जाहिं ।
उनते पहिले वे मुए, जिन मुख निकसत नाहिं |
भाग-2
2. विद्यापति के काव्य सौंदर्य के प्रमुख पक्षों को रेखांकित कीजिए ।
3. सूरदास के वात्सल्य वर्णन की विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए ।
4. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए:
(क) घनांनद की भक्ति भावना
(ख) तुलसी का कलिकाल वर्णन
भाग-3
5. बिहारी की श्रृंगार भावना की विशिष्टताओं का सोदाहरण उल्लेख कीजिए ।
6. मीराबाई के काव्य में स्त्री चेतना पर प्रकाश डालिए।
7. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए:
(क) रहीम के का काव्य सौंदर्य
(ख) कबीर की सामाजिक चेतना
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