IGNOU BHDC-110 (July 2024 - January 2025) Assignment Questions
खंड-1
निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
1. "चार दिन तक पलक नहीं झपी। बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही । मुझे तो संगीन चढ़ाकर मार्च का हुक्म मिल जाए। फिर सात जर्मनों को अकेला मारकर न लौहूँ, तो मुझे दरबार साहब की देहली पर मत्था टेकना नसीब न हो।"
2. "माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था । भगवद्-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे 'सुल्तान' कह पुकारते, अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर प्रसन्न होते थे। उन्होंने रुपया, माल, असबाब, जमीन आदि अपना सब कुछ छोड़ दिया था, यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी घृणा थी।"
3. "मेरे मन में उस समय तरह-तरह के सिद्धांत आए । मैंने स्थिर किया कि अपराध के प्रति करुणा ही होनी चाहिए, रोष का अधिकार नहीं है। प्रेम से ही अपराध वृत्ति को जीता जा सकता है। आतंक से उसे दबाना ठीक नहीं है। बालक का स्वभाव कोमल होता है और सदा ही उससे स्नेह से व्यवहार करना चाहिए। मैंने कहा कि बेटा आशुतोष तुम घबराओं नहीं। सच कहने में घबराना नहीं चाहिए । ली हो तो खुलकर कह दो बेटा! हम कोई सच कहने की सजा थोड़े ही दे सकते हैं। बल्कि सच बोलने पर इनाम मिला सकता है।"
खंड-2
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 700-800 शब्दों में लिखिए ।
4. हिंदी कहानी के विभिन्न आंदोलनों पर प्रकाश डालिए?
5. 'हार की जीत' कहानी का मूल प्रतिपाद्य लिखिए ।
6. पूस की रात कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए ।
खंड-3
7. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए ।
(क) 'तीसरी कसम' कहानी का प्रतिपाद्य
(ख) 'परिंदे' कहानी के शीर्षक की सार्थकता
IGNOU BHDC-110 (July 2023 - January 2024) Assignment Questions
खंड-1
निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
1. "लड़ाई के समय चाँद निकल आया था। ऐसा चाँद जिसके प्रकाश से संस्कृत कवियों का दिया हुआ 'क्षयी' नाम सार्थक होता है। और हवा ऐसी चल रही थी, जैसे कि वाणभट्ट की भाषा में 'दंतवीणोपदेशाचार्य' कहलाती।"
2. "जब किसी तरह न रहा गया तो उसके जबरा को धीरे से उठाया और उसके सिर को थपथपाकर उसे अपनी गोद में सुला लिया। कुत्ते की देह से जाने कैसी दुर्गंध आ रही थी, पर वह उसे अपनी गोद में चिपटाये हुए ऐसे सुख का अनुभव कर रहा था, जो इधर महीनों से उसे न मिला था। जबरा शायद यह समझ रहा था कि स्वर्ग यहीं है, और हल्कू की पवित्र आत्मा में तो उसे कुत्ते के प्रति घृणा की गंध तक न थी।"
3. " वह घर में समय बिताने के लिए संगीत और चित्रकला का अभ्यास करती थी। हम लोग पहुँचते तो उसके कमरे से सितार की आवाज आ रही होती या वह रंग और कूचियाँ लिए किसी तस्वीर में उलझी होती। मगर जब वह इन दोनों में से कोई भी काम न कर रही होती तो अपने तख्त पर बिछे मुलायम गद्दे पर दो तकियों के बीच लेटी छत को ताक रही होती। उसके गद्दे पर जो झीना रेशमी कपड़ा बिछा रहता था, उसे देखकर मुझे बहुत चिढ़ होती थी। मन करता था कि उसे खींचकर बाहर फेंक दूँ। उसके कमरे में सितार, तबला, रंग, कैनवस, तस्वीरें, कपड़ें तथा नहाने और चाय बनाने का सामान इस तरह उलझे-बिखरे रहते थे कि बैठने के लिए कुर्सियों का उद्धार करना एक समस्या हो जाती थी।”
खंड-2
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 700-800 शब्दों में लिखिए।
4. कहानी को परिभाषित करते हुए कहानी कि प्रमुख तत्वों का उल्लेख कीजिए ।
5. बाबा भारती एवं डाकू खड़कसिंह की चरित्रगत विशेषताएँ लिखिए ।
6. 'पूस की रात को यथार्थवादी कहानी क्यों कहा गया है? स्पष्ट कीजिए ।
खंड-3
7. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए ।
(क) नयी कहानी नामकरण और विवाद
(ख) भूमंडलीकरण और हिंदी कहानी
Buy BHDC-110 Assignment