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IGNOU BHDC-132 - Madhyakalin Hindi Kavita

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Rating: 4

मध्यकालीन हिंदी कविता

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IGNOU BHDC-132 Code Details

  • University IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
  • Title मध्यकालीन हिंदी कविता
  • Language(s)
  • Code BHDC-132
  • Subject Hindi
  • Degree(s) BAG
  • Course Core Courses (CC)

IGNOU BHDC-132 Hindi Topics Covered

Block 1 - मध्यकालीन हिंदी कविता

  • Unit 1 - भक्तिकाव्य का स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - रीतिकाव्य का स्वरूप और विकास
  • Unit 3 - कबीर का काव्य
  • Unit 4 - रविदास का काव्य
  • Unit 5 - जायसी का काव्य
  • Unit 6 - मीराबाई का काव्य
  • Unit 7 - सूरदास का काव्य
  • Unit 8 - तुलसीदास का काव्य
  • Unit 9 - रहीम का काव्य
  • Unit 10 - बिहारी का काव्य
  • Unit 11 - घनानंद का काव्य
  • Unit 12 - भूषण का काव्य
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IGNOU BHDC-132 (January 2024 - July 2024) Assignment Questions

भाग-1 1. भक्ति काव्य के शिल्प विधान की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए । 2. रीतिकाल के प्रमुख कवियों का परिचय दीजिए । 3. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए: (क) प्रेममार्गी शाखा (ख) रीतिकालीन सामाजिक परिस्थिति (ग) भक्तिकाव्य की पृष्ठभूमि भाग-2 4. कबीर की सामाजिक चेतना का सोदाहरण विवेचन कीजिए। 5. जायसी के काव्य में निहित प्रेमतत्व के विविध पक्षों पर प्रकाश डालिए । 6. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए: (क) सूरदास की रचनाएँ (ख) मीराबाई के काव्य में प्रतीक योजना (ग) भक्ति आंदोलन और रविदास भाग-3 7. तुलसी पूर्व रामकाव्य परंपरा का विस्तृत विवेचन कीजिए। 8. रहीम का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए उनकी रचनाओं का परिचय दीजिए । 9. निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या लगभग 300 शब्दों में कीजिए: हेरी म्हा दरद दिवाणी म्हारां दरद न जाणयाँ कोय । घायल की गति घाइल जाणै, कितिणा घाण होय । जौहरी की गति जौहरी जाणै, क्या जाण्या जिण खोय। दरद की मारयां दर-दर डोल्यां बैद मिलणाना कोय | मीरा री प्रभु पीरमिटांगा जब बैद सांवरिया होय ।।

IGNOU BHDC-132 (January 2023 - July 2023) Assignment Questions

भाग-1 1. भक्तिकाव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए । 2. रीतिकालीन परिस्थितियों का परिचय दीजिए । 3. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए: (क) भक्तिकाव्य की काव्य भाषा (ख) रीतिकालीन कला और संगीत (ग) बल्लभाचार्य भाग-2 4. रविदास की भक्ति भावना की विशेषताएँ उदाहरण सहित बताइए । 5. मीराबाई पर विभिन्न संप्रदायों के प्रभाव का आकलन कीजिए । 6. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए: (क) जायसी का परिवेश (ख) रविदास की रचनाएँ (ग) सूर सारावली भाग-3 7. घनानंद की कविता के शिल्प पक्ष पर प्रकाश डालिए । 8. भूषण के काव्य की भाषा और शिल्पगत विशेषताओं का विवेचन कीजिए । 9. निम्नलिखित पद्यांश की व्याख्या कीजिए (लगभग 300 शब्दों में) घन आनंद प्यारे सुजान सुनौ, जिहि भांतिन हौं दुख-सूल सहौं । नहिं आवनि औधि न रांवरी आस, इतै पर एक सी बाट यहाँ । यह देखि अकारन मेरी दसा, कोउ बूझे तो ऊऊर कौन कहाँ । जिय नेकु विचारि के देहु बताय हहा पिय दूरितें पांय गहौं ।
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