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IGNOU BHDE-144 - Chhayavad

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छायावाद

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IGNOU BHDE-144 Code Details

  • University IGNOU (Indira Gandhi National Open University)
  • Title छायावाद
  • Language(s) Hindi
  • Code BHDE-144
  • Subject Hindi
  • Degree(s) BAG, BA (Honours), BAHDH
  • Course Discipline Specific Electives (DSE)

IGNOU BHDE-144 Hindi Topics Covered

Block 1 - छायावाद

  • Unit 1 - छायावादः स्वरूप और विकास
  • Unit 2 - जयशंकर प्रसाद और उनकी कविता
  • Unit 3 - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और उनकी कविता
  • Unit 4 - सुमित्रानंदन पंत और उनकी कविता
  • Unit 5 - महादेवी वर्मा और उनकी कविता

Block 2 - काव्य वाचन एवं विश्लेषण

  • Unit 1 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः चिंता सर्ग (भाग-1, 2) छंद 1 से 80
  • Unit 2 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'आँसू' का अंश
  • Unit 3 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'जुही की कली' और 'संध्या सुंदरी'
  • Unit 4 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'जागो फिर एक बार' और 'बाँधो न नाव इस ठाँव बंधु!'
  • Unit 5 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'मोह' और 'नौका विहार'
  • Unit 6 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'भारत माता'
  • Unit 7 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' और 'बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ'
  • Unit 8 - काव्य वाचन एवं विश्लेषणः 'जाग तुझको दूर जाना' एवं 'विरह का जलजात जीवन'
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IGNOU BHDE-144 (July 2024 - January 2025) Assignment Questions

खंड-क निम्नलिखित पद्यांशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिए : (क) ओ चिंता की पहली रेखा, अरी विश्व-वन की व्याली, ज्वालामुखी स्फोट के भीषण, प्रथम कंप-सी मतवाली। हे अभाव की चपल बालिके, री ललाट की खलरेखा ! हरी-भरी - सी दौड़-धूप, ओ जल- माया की चल-रेखा ! (ख) जागो फिर एक बार ! समर में अमर कर प्राण, गन गाये महासिन्धु - से, सिंधु-नंद-तीरवासी ! - सैंधव तुरंगों पर चतुरंग - चमू - संगय "सवा-सवा लाख पर एक को चढ़ाऊँगा, गोविन्द सिंह निज नाम जब कहाऊँगा।" किसने सुनाया यह वीर-जन- मोहन अति दुर्जय संग्राम - राग, फाग का खेला रण बारहों महीनों में? शेरों की माँद में, आया है आज स्यार जागो फिर एक बार ! (ग) भारतमाता ग्रामवासिनी ! खेतों में फैला है श्यामल, धूल भरा मैला-सा आँचल गंगा यमुना में आँसू जल, मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी ! (घ) तू जल-जल जितना होता क्षय, यह समीप आता छलनामयय मधुर मिलन में मिट जाना तू उसकी उज्जवल स्मित में घुल खिल ! मंदिर-मंदिर मेरे दीपक जल! प्रियतम का पथ आलोकित कर ! खंड-ख निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए। 2. छायावाद की शक्ति और सीमाओं पर प्रकाश डालिए । 3. जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रय चेतना और मानवीयता को स्पष्ट कीजिए । 4. निराला की रचना - विधान सशक्त और बोधगम्य है, स्पष्ट कीजिए । 5. महादेवी वर्मा के काव्य में अभिव्यक्त प्रणय एवं वेदनानुभूति को व्याख्यायित कीजिए । खंड-ग निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 200 शब्दों में दीजिए । 6. छायावादी काव्य में नारी विषयक धारणा पर चर्चा कीजिए । 7. सुमित्रानंदन पंत के काव्य में अभिव्यक्त प्रकृति-सौन्दर्य को रेखांकित कीजिए । 8. महादेवी वर्मा के काव्य में चित्रित मूल्य - चेतना पर प्रकाश डालिए । 9. निराला के काव्य में सांस्कृतिक-सामाजिक नवजागरण को स्पष्ट कीजिए ।

IGNOU BHDE-144 (January 2024 - July 2024) Assignment Questions

खंड - क निम्नलिखित पद्यांशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिये : 1. इस ग्रहकक्षा की हलचल - री, तरल गरल की लघु-लहरी जरा अमर - जीवन की और न कुछ सुनने वाली, बहरी अरी व्याधि की सूत्र - धारिणी ! अरी आधि, मधुमय अभिशाप ! हृदय-गगन में धूमकेतु-सी, पुण्य-सृष्टि में सुंदर पाप । 2. चपलायें उस जलधि विश्व में स्वयं चमत्कृत होती थीं ज्यों विराट बाड़व ज्वालायें खंड-खंड हो रोती थीं। जलनिधि के तल वासी जलचर विकल निकलते उतराते हुआ विलोड़ित गृह, तब प्राणी कौन! कहाँ! कब ! सुख पाते? 3. मानस सागर के तट पर क्यों लोल लहर की घातें कल कल ध्वनि से हैं कहती कुछ विस्मृत बीती बातें आती है शून्य क्षितिज से क्यों लौट प्रतिध्वनि मेरी टकराती बिलखाती सी पगली सी देती फेरी । 4. हँसता है तो केवल तारा एक गुँथा हुआ उन घुँघराले काले बालों से हृदय - राज्य की रानी का वह करता है अभिषेक । अलसता की-सी लता किन्तु कोमलता की वह कली सखी नीरवता के कन्धे पर डाले बाँह छाँह सी अम्बर- पथ से चली । खंड - ख निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए : 5. छायावाद के उद्भव पर प्रकाश डालते हुए छायावाद का महत्व भी समझाइए । 6. जयशंकर प्रसाद के शिल्प-विधान पर प्रकाश डालिए । 7. निराला काव्य की अन्तर्वस्तु की विशेषताएँ बताइए । 8. महादेवी वर्मा की कविता 'मधुर मधुर मेरे दीपक जल के मूल स्वर को रेखांकित कीजिए । खंड - ग निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 200 शब्दों में दीजिए: 9. छायावादी कवियों के काव्य शिल्प पर प्रकाश डालिए । 10. सुमित्रानंदन पंत के काव्य में अभिव्यक्त जीवन दर्शन को रेखांकित कीजिए । 11. 'मोह' कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए । 12. महादेवी वर्मा के काव्य की मूल विशेषताओं की चर्चा कीजिए ।
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