#1 Best Selling IGNOU CBCS Assignments in All Available in Market
Bought By: 1219 Students
Rating:
Get IGNOU BSKC-105 Assignments Soft Copy ready for Download in PDF for (January 2024 - July 2024) in Sanskrit Language.
Are you looking to download a PDF soft copy of the Solved Assignment BSKC-105 - Laukik sanskrit sahitya (Naatak)? Then GullyBaba is the right place for you. We have the Assignment available in Sanskrit language.
This particular Assignment references the syllabus chosen for the subject of Sanskrit, for the January 2024 - July 2024 session. The code for the assignment is BSKC-105 and it is often used by students who are enrolled in the BA (Honours) Degree.
Once students have paid for the Assignment, they can Instantly Download to their PC, Laptop or Mobile Devices in soft copy as a PDF format. After studying the contents of this Assignment, students will have a better grasp of the subject and will be able to prepare for their upcoming tests.
(क) व्याख्या आधारित प्रश्न :-
1. अधोलिखित पद्यांशों की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए:-
(अ) आरब्धे पटहे स्थिते गुरुजने भद्रासने लङ्घिते
स्कन्धोच्चारणनम्यमानवदनप्रच्योतितोये घटे ।
राजाहूय विसर्जिते मयि जनो धैर्येण मे विस्मितः
स्वः पुत्रः कुरुते पितुर्यदि वचः कस्तत्र भो । विस्मयः ?
अथवा
अयशसि यदि लोभः कीर्तयित्वा किमस्मान्
किमु नृपफलतर्षः किं नरेन्द्रो न दद्यात् ।
अथ तु नृपतिमातेत्येष शब्दस्तवेष्टो
वदतु भवति ! सत्यं किं तवार्यो न पुत्रः ? ॥
(ब) विचिन्तयन्ती यमनन्यमानसा
तपोधनं वेत्सि न मामुपस्थितम् ।
स्मरिष्यति त्वां न स बोधितोऽपि सन्
कथां प्रमत्तः प्रथमं कृतामिव ॥
अथवा
सङ्कल्पितं प्रथममेव मया तवार्थे
भर्तारमात्मसदृशं सुकृतैर्गता त्वम् ।
चूतेन संश्रितवती नवमालिकेय-
मस्यामहं त्वयि च सम्प्रति वीतचिन्तः ॥
(ग) वहति जलमियं पिनष्टि गन्धानियमियमुथते स्रजो विचित्राः ।
मुसलमिदमियञ्च पातकाले मुहुरनुयाति कलेन हुङ्कृतेन ॥
अथवा
चाणक्येनाकरुणेन सहसा शब्दायितस्यापि जनस्य ।
निर्दोषस्यापि शङ्का, किं पुनर्मम जातदोषस्य ? ॥
(ख) लघु उत्तरीय प्रश्न :-
2. संस्कृत नाट्य साहित्य की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ।
3. समवकार रूपक को लक्षण सहित स्पष्ट कीजिए ।
4. 'प्रतिमानाटकम्' नाटक के नामकरण की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए ।
5. 'काव्येषु नाटकं रम्यं तत्र रम्या शकुन्तला' इस उक्ति को स्पष्ट कीजिए ।
6. मुद्राराक्षसम् नाटक के वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए ।
(ग) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-
7. मुद्राराक्षस नाटक के नामकरण एवं कथासार का सविस्तार विवेचन कीजिए।
8. संस्कृत नाटकों की उत्पत्ति सम्बन्धी भारतीय मतों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
9. 'अभिज्ञानशाकुन्तलम्' के चतुर्थ अंक की कथा पर प्रकाश डालिए ।
10. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पर टिप्पणी लिखिए:-
(अ) नान्दी
(ब) अङ्कास्य
(स) विष्कम्भक
(द) अपवारित
(क) व्याख्या आधारित प्रश्न :-
1. अधोलिखित पद्यांशों की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए:-
(अ) ताते धनुर्नमयि सत्यमवेक्षमाणे
मुञ्चानि मातरि शरं स्वधनं हरन्त्याम् ।
दोषेषु बाह्यमनुजं भरतं हनानि
किं रोपणाय रुचिरं त्रिषु पातकेषु ॥
अथवा
हृदय ! भव सकामं यत्कृते शङ्कसे त्वं
शृणु पितृनिधनं तद् गच्छ धैर्यं च तावत् ।
स्पृशति तु यदि नीचो मामयं शुल्कशब्द-
स्त्वथ च भवति सत्यं तत्र देहो विशोध्यः ॥
(ब) पातुं न प्रथमं व्यवस्यति जलं युष्मास्वपीतेषु या
नादत्ते प्रियमण्डनाऽपि भवतां स्नेहेन या पल्लवम् ।
आद्ये वः कुसुमप्रसूतिसमये यस्या भवत्युत्सवः
सेयं याति शकुन्तला पतिगृहं सर्वैरनुज्ञायताम् ॥
अथवा
अभिजनवतो भर्तुः श्लाघ्ये स्थिता गृहिणीपदे
विभवगुरुभिः कृत्यैस्तस्य प्रतिक्षणमाकुला ।
तनयमचिरात् प्राचीवार्कं प्रसूय च पावनं
मम विरहजां न त्वं वत्से शुचं गणयिष्यसि ॥
(ग) कौटिल्यः कुटिलमतिः स एष येन
क्रोधाग्नी प्रसभमदाहि नन्दवंशः ।
चन्द्रस्य ग्रहणमिति श्रुते सनानो
मौर्येन्दोर्द्विषदभियोग इत्यवैति ॥
अथवा
ये याताः किमपि प्रधार्य हृदये, पूर्वं गता एव ते
ये तिष्ठन्ति भवन्तु तेऽपि गमने कामं प्रकामोद्यमाः ।
एका केवलमेव साधनविधी सेनाशतेभ्योऽधिका
नन्दोन्मूलनदृष्टवीर्यमहिमा बुद्धिस्तु मा गान्मम ॥
(ख) लघु उत्तरीय प्रश्न :-
2. संस्कृत नाटकों की उत्पत्ति के सम्बन्ध में 'संवाद-सूक्त सिद्धान्त' का उल्लेख कीजिए ।
3. भास विरचित उदयन कथाश्रित नाटकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
4. समवकार रूपक को लक्षण सहित स्पष्ट कीजिए।
5. “काव्येषु नाटकं रम्यं तत्र रम्या शकुन्तला " इस उक्ति को स्पष्ट कीजिए ।
6. कथानक क्या है? स्पष्ट कीजिए।
(ग) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-
7. मुद्राराक्षस नाटक की ऐतिहासिकता का सविस्तार विवेचन कीजिए ।
8. प्रतिमानाटक के आधार पर राम का चरित्र चित्रण कीजिए ।
9. 'अभिज्ञानशाकुन्तलम्' के चतुर्थ अंक के वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए ।
10. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन पर टिप्पणी लिखिए:-
(अ) भरतवाक्य (ब) अङ्कास्य
(स) चाणक्य (द) विदूषक
The IGNOU open learning format requires students to submit study Assignments. Here is the final end date of the submission of this particular assignment according to the university calendar.
Here are the PDF files that you can Download for this Assignment. You can pick the language of your choice and see other relevant information such as the Session, File Size and Format.
In this section you can find other relevant information related to the Assignment you are looking at. It will give you an idea of what to expect when downloading a PDF soft copy from GullyBaba.
In addition to this Assignment, there are also other Assignments related to the BA (Honours) Sanskrit you are preparing for. Here we have listed other Assignments that were bought along with this one.