IGNOU EHD-02 Hindi Kavya - Latest Solved Assignment
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IGNOU EHD-02 (July 2023 – January 2024) Assignment Questions
1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
(क) अबिगत गति कछु कहत न आवै
ज्यौ गूंगे मीठे फल को इस अन्तरगत हीं भावै ।
परम स्वाद सबही तु निरंतर अमित तोषु उपजावै
मन-बानी कौं अगम अगोचर सो जाने जो पावै ।
रूप-रेख-गुन-जाति- जुगति- बिनु निरालंब कित धावै ।
सब विधि अगम बिचारहिं तातैं सूर सगुन लीला पद-गावै
(ख) एहि घाट ते थोरिक दूर अहै कहि लौ जलथाह दिखाई हौं जू । परसे पग धूरि तरे तरनी, घरनी घर का समझाइ हौं जू । “तुलसी” अवलंबन और छू लरिका केहि भांति जिआइ हौं जू । बर मारिए मोहि बिना पग धोए हौं नाथ न नाव चढ़ाइहौं जू
(ग) नहिं परागु, नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल ।
अली, कली ही सौं बंध्यो, आगे कौन हवाल ।।
(घ) बीती विभावरी जाग री ।
अम्बर पनघट में डुबो रही
तारा-घट उषा नागरी-
खग-कुल कुल कुल सा बोल रहा
किसलय का अंचल डोल रहा
लो यह लतिका भी भर लाई
मधु मुकुल नवल रस गागरी ।
अधरों में राग अमन्द पिये,
अलकों में मलयज बंद किये।
तू अब तक सोई है आली।
आँखों में भरे विहाग री ।
2. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 600 शब्दों में दीजिए :
(क) आदिकाल के अर्थ और स्वरूप पर प्रकाश डालिए ।
(ख) रहीम के काव्य के भाव पक्ष की विशेषता बताइए।
(ग) घनानंद के काव्य की भक्ति भावना का उल्लेख कीजिए ।
(घ) द्विवेदी युगीन काव्य की साहित्यिक प्रवृत्तियों को विस्तार से समझाइए ।
(ड) केदारनाथ अग्रवाल के काव्य की अन्तर्वस्तु का विवेचन कीजिए।
3. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 300 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:
(क) मुक्तिबोध के काव्य का संरचना और शिल्प
(ख) कुरुक्षेत्र का काव्य-रूप और नामकरण
IGNOU EHD-02 (July 2022 – January 2023) Assignment Questions
1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) तन की दृति स्याम सरोरुह लोचन कंज की मंजुलताई हरैं।
अति सुंदर सोहत धूरि भरे, छबि भूरि आनंग की दूरि करें।
दमक दतियां दुति-दामिनि ज्यों, किलक कित बाल-विनोद करें।
अवधेस के बालक चारि सदा, तुलसी मन मंदिर में बिहरैं।।
(ख) बहति लाज बूडत सुमन भ्रमत नैन तिहि ठांऊ।
नेह नदी की धार में तें न दीजिये पाँव ।।
(ग) तिरती हैं समीर-सागर पर
अस्थिर सुख पर दुख की छाया
जग के दग्ध हृदय पर ।
निर्दयं विप्लव की प्लावित माया
यह तेरी रण-तरी
भार आकांक्षाओं से
घन, मेरी-गर्जन के सजग सुप्त अंकुर
उर में पृथ्वी के, आशाओं से
नवजीवन की, ऊंचा कर सिर,
ताक रहे हैं, ऐ विप्लव के बादल।
(घ) कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त
2. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 600 शब्दों में दीजिए :
(क) आदिकाल की प्रतिनिधि रचनाओं का विस्तृत उल्लेख कीजिए।
(ख) तुलसीदास की भक्ति पद्धति पर प्रकाश डालिए।
(ग) रीतिकाव्य की साहित्यिक प्रवृत्तियों का विवेचन कीजिए।
(घ) रामनरेश त्रिपाठी के काव्य सौंन्दर्य पर प्रकाश डालिए।
(ड.) अज्ञेय के अभिव्यंजना-शिल्प के सौंन्दर्य का उल्लेख कीजिए।
3. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 300 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:
(क) प्रबंध काव्य की अवधारणा
(ख) नई कविता की प्रमुख प्रवृत्तियाँ
EHD-02 Assignments Details
University | : | IGNOU (Indira Gandhi National Open University) |
Title | : | Hindi Kavya |
Language(s) | : | Hindi |
Code | : | EHD-02 |
Degree | : | |
Subject | : | Hindi |
Course | : | Core Courses (CC) |
Author | : | Gullybaba.com Panel |
Publisher | : | Gullybaba Publishing House Pvt. Ltd. |