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This particular Assignment references the syllabus chosen for the subject of Hindi, for the July 2024 - January 2025 session. The code for the assignment is MHD-24 and it is often used by students who are enrolled in the MA Degree.
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1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) जो रहीम ओछो बढ़े, तौ अति ही इतराय ।
प्यादे सो फरजी भयो, टेढ़ों-टेढ़ों जाय । ।
(ख) केशव ये मिथिलाधिप हैं जग में जिन कीरति – बेलि बई है।
दान – कृपान बिधानन सों सिगरी बसुधा जिन हाथ लई है।
अंग छ सातक आठक सों भव तीनहु लोक में सिद्धि भई है ।
वेदत्रयी अरु राजसिरी परिपूरणता शुभ योगमई है । ।
(ग) कहा करों परबस भई, लखि मुख रूप रसाल ।
बेची मैं नंदलाल ह्वै, लीनी मैं नँदलाल ।।
(घ) धार में धाय धँसी निरधार हवै, जाय फँसी उकसीं न उधेरी ।
री! अगराय गिरी गहिरी, गहि फेरे फिरीं न, घिरीं नहिं घेरी । ।
‘देव’, कछू अपनो वस ना, रस – लालच लाल चितै भइँ चेरी |
बेग ही बूड़ गई पँखियाँ, अँखियाँ मधु की मखियाँ भइँ मेरी । ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500-500 शब्दों में दीजिए :
(क) हिंदी साहित्य के प्रारंभिक इतिहास ग्रंथों का परिचय दीजिए ।
(ख) रीतिकाव्य परंपरा का परिचय दीजिए ।
(ग) हिन्दी आलोचना में कवि ‘देव’ विषयक आलोचना का मूल्यांकन कीजिए ।
3. निम्नलिखित विषयों में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए :
(क) रसलीन
(ख) रीतिकाल का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
(ग) ‘केशवदास’ के काव्य का प्रदेय
1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर प्रीति मदपान ।
रहिमन दाबे ना दबें, जानत सकल जहान ।।
(ख) मूलन ही की जहाँ अधोगति केशव गाइय ।
होम हुताशन धूम नगर एकै मलिनाइय ।।
दुर्गति दुर्गति ही जु कुटिल गति सरितन ही में ।
श्रीफल को अभिलाष प्रगट कवि कुल के जीमें ।।
(ग) मोर - पखा मतिराम किरीट मैं कंठ बनी बनमाल सुहाई ।
मोहन की मुसकानि मनोहर, कुंडल डोलनि मैं छवि छाई ।।
लोचन लोल बिसाल बिलोकनि को न बिलोकि भयो बस माई ।
वा मुख की मधुराई कहा कहाँ ? मीठी लगै अँखियान - लुनाई ।।
(घ) सांसन ही सों समीर गयो, अरु आंसुन ही सब नीर गयो ढरि ।
तेज गयो गुन लै अपनो, अरु भूमि गई तन की तनुता करि ।।
देव जिये मिलिबेही की आस, कि आसहु पास अकास रह्यो भरि ।
जा दिन ते मुख फेरि, हरे हंसि, हेरि, हियो जु लियो हरि जू हरि ।।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (प्रत्येक का लगभग 500 शब्दों में) दीजिए:
(i) नीतिकाव्य परंपरा का परिचय दीजिए।
(ii) 'देव' की रचनाओं का परिचय देते हुए उनकी विशेषताएँ बताइए ।
(iii) 'केशवदास' के काव्य- - वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए ।
3. निम्नलिखित प्रत्येक विषय पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए ।
(i) बेनी प्रवीन
(ii) मतिराम के काव्य में प्रकृति वर्णन
(iii) 'रहीम का परवर्ती कवियों पर प्रभाव
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