Description
जब मनुष्य खानाबदोश था और जीवन खोज में बिताता था , तब वह मुख्यत : पौधों एवं जानवरों पर ही पूर्णत : निर्भर था। वह जल्दी ही कृषक बन गया। उसके बाद प्रकृति को उसने अपने अनुसार प्रयोग करना आरम्भ कर दिया। आज मानव में बहुत परिवर्तन आ चुके हैं। यह काफी कुछ प्रौद्योगिकी के विकास और उसके प्रयोग द्वारा ही संभव हो सका है मानव ने नदियों पर बाँध बनाये , वनों को काट डाला, जमीन पर हल चलाया और फसलें उगाई , शहरों, नहरों और सड़कों का निर्माण किया। इस विकास के परिणामस्वरूप उसका जीवन आसान तथा सुखद बन गया , लेकिन इस प्रक्रिया में उसने अपना पर्यावरण बदल दिया और अदूरदर्शिता और असावधानी के कारण इसको क्षति पहुचायी है।