IGNOU MHD-17 Bharat ki chintan pramprayen aur dalit sahitya - Latest Solved Assignment
BUY MHD-17 COMBO and Save upto 50%
- Description
- Previous Year Solved Question Papers Included
- Assignments Details
- Assignment Submission End Date
- What's Included
PLEASE MATCH YOUR ASSIGNMENT QUESTIONS ACCORDING TO YOUR SESSION
IGNOU MHD-17 (July 2024 – January 2025) Assignment Questions
1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 200 शब्दों में संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
(क) “सत्येषु दुःखादिषु दृष्टरार्या सम्यग्वितर्कश्च पराक्रमश्च ।
इदं त्रयं ज्ञानविधौ प्रवृत्तं प्रज्ञाश्रयं क्लेशपरिक्षयाय ।।”
(ख) “अतएव कटकादिजन्यं दुःखमेव नरकः ।
लोकसिद्धो राजा परमेश्वरः देहच्छेदो मोक्षः ।
देहात्मवादे च ‘स्थूलोऽहं कृशोऽहं कृणोऽहय’ इत्यादि सामानाधिकरण्योपत्तिः ।
‘मम् शरीरम्’ इति व्यवहारो राहोः शिरः इत्योदिवदौपचारिकः । ।
(ग) “गुरू की जै महिमा निगुरा न रहिला |
गुरु बिनं ग्यांन न पाईला रे भाईला ।।”
(घ) “प्रमाण भूताय जगदहितैषिणे प्रणम्य शास्त्रे सुगताय तायिने ।
प्रमाण सिद्दयै स्वमतात् समुच्च्यः करिष्यते विप्रसिता दिहैककः ।। ”
2. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए ।
(क) अश्वघोष की कृतियों की भाषा-शैली, वस्तु योजना तथा प्रकृति-चित्रण पर प्रकाश डालिए ।
(ख) ” मिलिन्द प्रश्न पुस्तक के महत्व को उद्घाटित कीजिए ।
(ग) सिद्धों की सामाजिक चेतना पर प्रकाश डालिए ।
(घ) निर्गुण संतो के काव्य का मूल्यांकन कीजिए ।
3. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए ।
(क) वचन साहित्य
(ख) महानुभाव पंथ
(ग) चार्वाक दर्शन
(घ) आर्य नागार्जुन
IGNOU MHD-17 (July 2023 – January 2024) Assignment Questions
1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 200 शब्दों में संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
(क) जगति क्षयधर्मके मुमुक्षुर्मृगयेऽहं शिवमक्षयं परं तत् ।
स्वजनेऽन्यजने च तुल्यबुद्धिर्विषयेभ्यो विनिवृत्तरागदेाष ।।
(ख) न च अस्य दुःख सम्भिन्नतया पुरुषार्थत्वमेव नास्ति”
इति मन्तव्यम् अवर्जनीयता प्राप्तस्य दुःखस्य परिहारेण सुखमात्रस्यैव भोक्तव्यत्वात ।
तद्यथा मत्सयार्थी सशल्कान् सकटकान् मत्स्यानुपादत्ते
स यावदादेय तावदादाय निवर्तते ।
यथा वा धान्यार्थी सपलालानि धान्यानि आहरति स याददादेय तावदादाय निवर्तते ।
तस्माद् दुःखमयात् नानुकूलवेदनीयं सुखं त्यक्तुमचितम।।
(ग) धरहि म थक्कु म जाहि वणे, जहितहि मण परिआण
सजलु णिरन्तर बोहि ठिअ, कहिं भव कहिं णिवबाण
णउ धरे ण्उ वणें बोहि ठिउ, एहु परिआणुहु भेउ ।
णिम्मल चित्त सहायता करहु अविकल सेउ ।।
(घ) कनक माया है. कनक माया नहीं,
नारी माया है, नारी माया नहीं,
मिट्टी माया है, मिट्टी माया नहीं,
मन की आशां ही माया है, हे! गुहेश्वर
2. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 500 शब्दों में दीजिए:
(क) दिङ्नाग के दर्शन पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
(ख) लोकायत दर्शन का विवेचन कीजिए।
(ग) नाथ साहित्य के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को समझाइये।
(घ) कन्नड़ भक्ति साहित्य की परंपरा का परिचय बताते हुए वचन साहित्य की विशेषताएं बताइये।
3. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए:
(क) अश्वघोष
(ख) संवाद लोकतांत्रिक परंपरा
(ग) नाथ साहित्य
(घ) अक्का महादेवी
MHD-17 Assignments Details
University | : | IGNOU (Indira Gandhi National Open University) |
Title | : | Bharat ki chintan pramprayen aur dalit sahitya |
Language(s) | : | Hindi |
Code | : | MHD-17 |
Degree | : | |
Subject | : | Hindi |
Course | : | Optional Courses |
Author | : | Gullybaba.com Panel |
Publisher | : | Gullybaba Publishing House Pvt. Ltd. |