PLEASE MATCH YOUR ASSIGNMENT QUESTIONS ACCORDING TO YOUR SESSION
IGNOU MSK-03 (July 2024 – January 2025) Assignment Questions
1. अधोलिखित की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए :
(क) असदकरणादुपादानग्रहणात्सर्वसंभवाभावात् ।
शक्तस्य शक्यकरणात् कारणभावाच्च सत्कार्यम् ।।
अथवा
उभयात्मकमत्र मनः संकल्पकमिन्द्रियं च साधर्म्यात् ।
गुणपरिणामविशेषान्नानात्वं बाह्यभेदाश्च ।।
(ख) पंच विपर्ययभेदाभवन्त्यशक्तिश्च करणवैकल्यात् ।
अष्टाविंशतिभेदा तुष्टिर्नवधाऽष्टधा सिद्धिः ।।
अथवा
एकादशेन्द्रियवधाः सहबुद्धिवधैरशक्तिरुद्दिष्टा ।
सप्तदश वधा बुद्धेर्विपर्ययातुष्टिसिद्धीनाम् ।।
(ग) एवं तत्वाभ्यास्यान्नास्मि न में नाहमित्यपरिशेषम् ।
अविपर्ययाद् विशुद्धं केवलमुत्पद्यते ज्ञानम् ।।
अथवा
दृष्टा मयेत्युपेक्षक एको दृष्टाहमित्युपरमत्यन्या।
सति संयोगेऽपि तयोः प्रयोजनं नास्ति सर्गस्य ।।
निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
2. परमतत्व को देखने के उपायों का उल्लेख कीजिए ।
3. सांख्य दर्शन के तत्वों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
4. बौद्ध दर्शन के योगाचार, विज्ञानवाद सम्प्रदाय का आलोचनात्मक विवरण दीजिए ।
5. दर्शन से क्या तात्पर्य है? विस्तृत रूप से स्पष्ट करें।
6. कर्म के पांच भेद कौन से हैं? विस्तारपूर्वक वर्णन करें ।
7. बौद्ध दर्शन की चार प्रमुख शाखाएँ कौन-कौन सी हैं ? स्पष्ट करें।
8. पंचीकरण प्रक्रिया को स्पष्ट करें।
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 1000 शब्दों में लिखिए |
9. वेदान्त सार के प्रतिपाद्य विषयवस्तु का विस्तृत रूप से उल्लेख करें।
10. सृष्टि प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
11. धर्म का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसकी भावना तथा वेद की अपौरुषता पर प्रकाश डालें ।
IGNOU MSK-03 (July 2023 – June 2024) Assignment Questions
1. अधोलिखित की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए :
(क) दुःखत्रयाभिघाताज्जिज्ञासा तदपघातके हेतौ ।
दृष्टे साऽपार्था चेन्नैकान्तात्यन्तोऽभावात् ।।
अथवा
प्रतिविषयाध्यवसायो दृष्टं त्रिविधमनुमानमाख्यातम् ।
तल्लिंगलिंगिपूर्वकमाप्तश्रुतिराप्तवचनं तु ।।
(ख) विषयश्चाधिकारी च सम्बन्धश्च प्रयोजनम् ।
अनुबन्ध विना ग्रन्थे मङ्गलं नैव शस्यते ।।
अथवा
श्सामानाधिकरण्यञ्च विशेषणविशेष्यता ।
लक्ष्यलक्षणसम्बन्धः पदार्थप्रत्यगात्मनाम् ।।
(ग) रङ्गस्य दर्शयित्वा निवर्तते नर्तकी यथा नृत्यात् ।
पुरुषस्य तथाऽत्मानं प्रकाश्य विनिवर्तते प्रकृतिः ।।
अथवा
यन्नदुःखेन समभिन्नं न च ग्रन्थमनन्तरम् ।
अभिलाषोपनीतं च तत्सुखं स्वः पदास्पदम् ।।
निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
2. गुणत्रय का निरूपण कीजिए ।
3. पुरुष बहुत्व को सिद्ध कीजिए ।
4. भारतीय दर्शन परंपरा में अन्नम्भट्ट के योगदान को रेखांकित कीजिए । ।
5. आप्तवाक्यं शब्दः इस कारिका भाग का सोदाहरण विवेचन कीजिए ।
6. सांख्य के अनुसार सृष्टि कितने प्रकार की होती हैं।
7. नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतःय इस उक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए तथा कार्यउत्पत्ति की पांच युक्तियों की चर्चा कीजिए ।
8. दुःख कितने प्रकार के होते हैं सांख्यकारिक के अनुसार स्पष्ट कीजिए ।
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 1000 शब्दों में लिखिए ।
9. सत्कार्यवाद की पांच युक्तियों पर चर्चा करते हुए मूल प्रकृतियों का वर्णन करें।
10. आस्तिक दर्शन मुख्य रूप से कितने प्रकार हैं विस्तारपूर्वक वर्ण करें।
11. भारतीय दर्शन के अनुसार वर्णित अनुबंधचतुष्टय की विस्तृत विवेचना कीजिए ।