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IGNOU MSK-05 (July 2024 – January 2025) Assignment Questions
1. अधोलिखित की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए :
(क) अभीवृतं कृशनैर्विश्वरूपं हिरण्यशम्यं यजतो बृहन्तम् ।
आस्थाद्रथं सविता चित्रभानुः कृष्णा रजांसि तविषीं दधानः ।।
अथवा
अस्मै ग्रामाय प्रदिशश्चतस्र ऊर्ज सुभूतं स्वस्ति सविता नः कृणोतु ।
अशञ्चिन्द्रो अभयं नः कृणोत्वन्यत्र राज्ञामभि यातु मन्युः ।।
(ख) यं क्रन्दसी अवसा तस्तभाने अभ्यैक्षेतां मनसा रेजमाने ।
यत्राधिसूर उदितो विभाति कस्मै देवाय हविषा विधेम ||
अथवा
न मृत्युरासीदमृतं न तर्हि न रात्र्या अह्न आसीत् प्रकेतः ।
आनीदवातं स्वधया तदेकं तस्माद्धान्यन्न परः किं चनास ।।
(ग) नासदासीन्नो सदासीत् तदानीं नासीद्रजो नो व्योमा परो यत् ।
किमावरीवः कुह कस्य शर्मन्नम्भः किमासीद्गहनं गभीरम् ।।
अथवा
शिक्षा व्याकरण धन्दों निरूक्तं ज्योतिषं तथा ।
कल्पश्चेति षडड्.गनि वेदस्या हुर्मनीषिणः ।।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में लिखिए ।
2. वैदिक संहिताओं का परिचय दीजिए ।
3. ब्राहमण ग्रंथों के प्रतिपाद्य को स्पष्ट करें।
4. उपनिषद के रचनाकाल पर प्रकाश डालिए ।
5. वैदिक संहिताओं के प्रमुख भाष्यकारों पर प्रकाश डालिए ।
6. अरण्यकों का परिचय देते हुए उनकी विषयवस्तु को स्पष्ट करें ।
7. सोमयाज्ञ पर संक्षेप में प्रकाश डालें ।
8. वेदों के काल निर्धारण पर प्रकाश डालें ।
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 1000 शब्दों में लिखिए ।
9. वैदिककालीन राजनीतिक जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालें।
10. शिक्षा ग्रंथों का वर्णन करते हुए चारों वेदों के शिक्षा ग्रंथ पर प्रकाश डालें ।
11. वेदांग किसे कहते हैं? वेदांगों को स्पष्ट करते हुए उनके महत्व पर विस्तृत रूप से लिखें ।
IGNOU MSK-05 (July 2023 – January 2024) Assignment Questions
1. अधोलिखित की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए :
(क) तस्माद्यज्ञात्सर्वहुत ऋचः सामानि जज्ञिरे ।
छन्दांसि जज्ञिरे तस्माद् युजुस्तस्मादजायत ।।
अथवा
अभीवृतं कृशनैर्विश्वरूपं हिरण्यशम्यं यजतो बृहन्तम् ।
आस्थाद्रथं सविता चित्रभानुः कृष्णा रजांसि तविषीं दधानः ।।
(ख) अहं सोममाहनसं बिभर्म्यहं त्वष्टारमुत पूषणं भगम् ।
अहं दधामि द्रविणं हविष्मते सुप्राव्ये यजमानाय सुन्वते ।।
अथवा
यः पृथिवीं व्यथमानामवृहद् यः पर्वतान्प्रकुपिताँ अरम्णात् ।
यो अन्तरिक्षं विममे वरीयो यो धामस्तभ्नात्स जनास इन्द्रः ।।
(ग) नासदासीन्नो सदासीत् तदानीं नासीद्रजो नो व्योमा परो यत् ।
किमावरीवः कुह कस्य शर्मन्नम्भः किमासीद्गहनं गभीरम् ।।
अथवा
शिक्षा व्याकरण धन्दों निरूक्तं ज्योतिषं तथा ।
कल्पश्चेति षडङ्गनि वेदस्या हुर्मनीषिणः ।।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में लिखिए।
2. ऋग्वेद के ऋषिमण्डल तथा देवताओं पर प्रकाश डालिए ।
3. शांखायन आरण्यक के प्रतिपाद्य विषय को स्पष्ट कीजिए ।
4. अरण्यक के रचनाकाल पर प्रकाश डालिए ।
5. ऋग्वेदीय शिक्षाग्रन्थों के प्रतिपाद्य विषय पर प्रकाश डालिए ।
6. षड्भावविकारों को स्पष्ट कीजिए ।
7. वैदिक युग में प्रचलित उद्यागों पर टिप्पणी लिखिए।
8. प्राचीन भारत के शिक्षा के स्वरूप पर प्रकाश डालिए ।
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 1000 शब्दों में लिखिए।
9. वैदिककालीन नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए ।
10. पुराणों में धर्म की अवधारणा पर प्रकाश डालिए ।
11. सामवेद की विषय वस्तु पर प्रकाश डालिए ।