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IGNOU MSKE-10 (July 2024 – January 2025) Assignment Questions
खण्ड – 1
1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दीजिए:
1. वेदांत दर्शन का परिचय देते हुए अद्वैत वेदांत के आधार पर प्रस्थानत्रयी का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
2. विशिष्टाद्वैत वेदान्त का अर्थ बताते हुए उसके प्रमुख आचार्यों एवं ग्रंथों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
3. योग के लक्षण एवं उसके स्वरूप पर प्रकाश डालें।
4. अष्टांग योग एवं कैवल्य स्वरूप की विस्तृत रूप से व्याख्या करें।
5. न्याय दर्शन को स्पष्ट करते हुए न्याय के प्रवर्तक एवं न्यायसूत्रकार का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
6. षोड्स पादार्थोद्देशः’ पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालें ।
खण्ड-2
2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दीजिए:
1. अध्यास स्वरूप का वर्णन करते हुए उसके भेदों को स्पष्ट करें।
2. ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा की विस्तारपूर्वक व्याख्या करें।
3. जन्माद्यस्य यतः का तात्पर्य स्पष्ट करें।
4. जगत्कारणता के संबंध में न्यायिक के पक्ष को स्पष्ट कीजिए ।
5. ईश्वर प्राणी धान के लक्षण, विधान एवं फल को स्पष्ट करें।
6. शास्त्र प्रवृत्ति का अर्थ बताते हुए उसके भेदों का वर्णन करें।
IGNOU MSKE-10 (July 2023 – January 2024) Assignment Questions
खण्ड-1
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दीजिए:
1. अध्यास (अध्यासभाष) के स्वरूप, भेद तथा प्रयोजन पर प्रकाश डालें।
2. विशिष्टाद्वैत वेदान्त के इतिहास का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
3. समापत्ति का अर्थ, लक्षण एवं स्वरूप का वर्णन करते हुए चतुर्विध समापत्ति का विस्तारपूर्वक वर्णन करें ।
4. योग के आठ अंगों पर प्रकाश डालें ।
5. न्याय दर्शन का परिचय देते हुए न्यायसूत्रकार गौतम और भाष्यकार वात्स्यायन का विस्तारपूर्वक वर्णन करें ।
6. शास्त्र प्रवृत्ति को स्पष्ट करते हुए शास्त्र प्रवृत्ति के भेद, उपयोगिता तथा उद्देश्य को स्पष्ट करें।
खण्ड -2
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दीजिए:
1. न्याय दर्शन का परिचय देते हुए न्याय दर्शन के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालें।
2. अनुमान, उपमान और शब्द प्रमाण को स्पष्ट कीजिए ।
3. वेदांत दर्शन का परिचय देते हुए अद्वैत वेदांत और शंकराचार्य के संदर्भ में व्याख्या करें।
4. योग का लक्षण एवं स्वरूप का वर्णन करते हुए पातंजल योग दर्शन का परिचय दीजिए ।
5. प्रमाणों की संख्या का निर्धारण करते हुए प्रत्यक्ष और अनुमान प्रमाण की स्थिति को स्पष्ट करें।
6. हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रह स्थान का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।